الأستاذ السيد علياکبر الحائري
1403/01/0421:47
1 | كتاب الخمس | 42-44 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
2 | كتاب الخمس | 40-41 | 68 | 40 | 40 | 40 | 11 | 9 | 2 | 0 |
3 | كتاب الخمس | 39-40 | 120 | 67 | 67 | 79 | 72 | 67 | 5 | 0 |
4 | المسائل المستحدثه | 38-39 | 107 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
5 | کتاب الحج | 37-38 | 120 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
6 | کتاب الحج | 36-37 | 91 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
7 | کتاب الحج | 35-36 | 129 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
8 | کتاب الحج | 34-35 | 15 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
8 | 650 | 107 | 107 | 119 | 83 | 76 | 7 | 0 | ||
9 | الأصول العملیه | 44-45 | 85 | 49 | 49 | 79 | 11 | 11 | 0 | 0 |
10 | الأصول العملیه | 43-44 | 75 | 1 | 1 | 76 | 0 | 0 | 0 | 0 |
11 | الأصول العملیه | 42-44 | 93 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
12 | الأصول العملیه | 40-41 | 42 | 14 | 14 | 14 | 0 | 0 | 0 | 0 |
13 | القطع و الظن | 39-40 | 93 | 52 | 52 | 53 | 0 | 0 | 0 | 0 |
14 | القطع و الظن | 38-39 | 39 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
15 | القطع و الظن | 37-38 | 113 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
16 | القطع و الظن | 36-37 | 79 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
17 | القطع و الظن | 35-36 | 130 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
18 | القطع و الظن | 34-35 | 18 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
10 | 767 | 116 | 116 | 222 | 11 | 11 | 0 | 0 | ||
18 | 1417 | 223 | 223 | 341 | 94 | 87 | 7 | 0 |